Friday, November 12, 2021

आंवला नवमी पर्व

 आज श्री प्राचीन गुग्गा मांडी शिव मन्दिर मे पंडित देशराज शास्त्री जी ने बताया कि

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी पर्व मनाया जा


ता है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में आंवला नवमी का भी विशेष महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार


कथा के अनुसार, काशी नगर में एक निःसंतान धर्मात्मा वैश्य रहता था। वैश्य की पत्नी से एक दिन उनकी पड़ोसन ने कहा कि- अगर तुम किसी दूसरी स्त्री के पुत्र की बली भैरव बाबा को चढ़ा दोगी तो तुम्हें पुत्र की प्राप्ति हो जायेगी। वैश्य की पत्नी ने जब अपने पति को यह बात बताई तो उसने इस बात से साफ इन्कार कर दिया। लेकिन पत्नी ने वैश्य की बात ना मानते हुए एक कन्या को कुंए में गिराकर भैरव बाबा को उसकी बलि दे दी। लेकिन इसके परिणामस्वरुप वैश्य की पत्नी को उल्टा पड़ गया और उसे कोढ़ हो गया। इसके साथ ही बली दी गई कन्या की आत्मा भी उसे सताने लगी।


वैश्य के पूछने पर उसने पति को सारी बातें बता दी। वैश्य ने पत्नी से कहा ब्राह्मण वध, बाल वध व गौ हत्या पाप है, ऐसा करने वालों के लिए इस धरती में कोई जगह नहीं है। वैश्य की पत्नी अपने किये पर शर्मसार होने लगी, तब वैश्य ने उससे कहा कि तुम गंगाजी की शरण में जाकर भगवान का भजन करो व गंगा स्नान करो तभी तुम्हें इस रोग से मुक्ति मिल पाएगी।

पति की बातों को मानते हुए वैश्य की पत्नी गंगाजी की शरण में चली गई और वहां भगवान के भजन करने लगी। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर गंगाजी ने उसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले के पेड़ की पूजा करने को कहा। इसके बाद महिला ने इस तिथि पर आंवले के पेड़ की पूजा करके आंवला खाया था, जिससे वह रोगमुक्त हो गई और कुछ ही दिनों बाद उसे एक संतान प्राप्त हुई। ईस मोके पुष्पा बक्शी कृष्णा कृष्णा सैनी ,स्नेह रानी रेखा शर्मा राज विनायक, कांता बंसल ,सुनीता जिंदल गीता जिंदल ,आसमा जिंदल ओम शर्मा मधु गुप्ता चांद सूद ,रीटा लटावा मंजू बक्शी कैलाश थोर राज किरन, लता शर्मा,आदि का सहयोग मिला