श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर के पुजारी पंडित देशराज शास्त्री जी ने बताया कि श्रावण मास बेहद पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है। यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान देशभर में शिव भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिलता है।
श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन होगा। यह महीना कुल 30 दिनों का रहेगा, जिसमें शिव आराधना, उपवास और धार्मिक अनुष्ठान करना विशेष फलदायी होता है। शास्त्री जी ने बताया कि
श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार को व्रत रखने से विवाह से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साथ ही, भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
पहला सोमवार व्रत: 14 जुलाई
दूसरा सोमवार व्रत: 21 जुलाई
तीसरा सोमवार व्रत: 28 जुलाई
चौथा सोमवार व्रत: 4 अगस्त
शास्त्री जी ने कहा कि धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। कहा गया है कि यह महीना स्वयं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यही वह समय होता है जब माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
श्रावण मास में भक्त नियमपूर्वक पूजा, व्रत और भक्ति करते हैं। महिलाएं विशेष रूप से इस महीने में व्रत करती हैं ताकि उन्हें अच्छा पति मिले और उनके दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहे। इस महीने में की गई पूजा और तपस्या का फल कई गुना अधिक मिलता है।
शास्त्री जी ने बताया कि श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में शिव पुराण की कथा 16 जुलाई श्रावण मास की संक्रांति से आरंभ होगी हर रोज सायं काल 4:00 बजे से 6.30बजे तक चलेंगी