पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि सावन में सोमवती अमावस्या और सोमवार को पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद आया है
सालों बाद बन रहे हैं ये योग...
वहीं इस बार 20 साल बाद हरियाली और सोमवती अमावस्या एक ही दिन 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इससे पहले वर्ष 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक ही दिन पड़ी थीं।
सोमवार से शुरू और इसी दिन समापन का संयोग अब 2024 में बनेगा
पंडित देशराज शास्त्री के मुताबिक श्रावण मास का आरंभ सोमवार व समाप्ति सोमवार को होने का योग पूर्व में 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। आगे अब 2024 में यह अद्भुत संयोग बनेगा। उस समय 22 जुलाई सोमवार से श्रावण मास प्रारंभ होकर 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा।
पंडित देशराज शास्त्री के अनुसार सोमवती अमावस्या को पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए यानि श्राद्ध रस्मों को करना उपयुक्त माना जाता है।
उपाय: जीवन में आ रहीं तमाम तरह की परेशानियों से छुटकारा पाना के लिए अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा पढ़ें। बजरंगबली को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं।
इससे दरिद्रता दूर होने की मान्यता है। शाम को शिवजी की विधिवत पूजन करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
सालों बाद बन रहे हैं ये योग...
वहीं इस बार 20 साल बाद हरियाली और सोमवती अमावस्या एक ही दिन 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इससे पहले वर्ष 2000 में सोमवती और हरियाली अमावस्या एक ही दिन पड़ी थीं।
सोमवार से शुरू और इसी दिन समापन का संयोग अब 2024 में बनेगा
पंडित देशराज शास्त्री के मुताबिक श्रावण मास का आरंभ सोमवार व समाप्ति सोमवार को होने का योग पूर्व में 1976, 1990, 1997 व 2017 में बना था। आगे अब 2024 में यह अद्भुत संयोग बनेगा। उस समय 22 जुलाई सोमवार से श्रावण मास प्रारंभ होकर 19 अगस्त सोमवार को समाप्त होगा।
पंडित देशराज शास्त्री के अनुसार सोमवती अमावस्या को पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए यानि श्राद्ध रस्मों को करना उपयुक्त माना जाता है।
उपाय: जीवन में आ रहीं तमाम तरह की परेशानियों से छुटकारा पाना के लिए अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा पढ़ें। बजरंगबली को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं।
इससे दरिद्रता दूर होने की मान्यता है। शाम को शिवजी की विधिवत पूजन करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।