Monday, December 30, 2019

राजेन्द्र टोकी को मिला "सौहार्द सम्मान




* उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा  पंजाब प्रदेश की खन्ना तहसील में रहने वाले सतत् स्वाध्यायशील एवं यशस्वी साहित्यकार डॉ. राजेन्द्र टोकी को  2 लाख रु. राशि वाला *सौहार्द सम्मान* प्रदान किया गया है|

अपनी भलमनसाहत के लिए विख्यात डॉ. राजेन्द्र टोकी की गणना भारतीय जीवन-मूल्यों के संवाहक और लेखन व शिक्षा के प्रति आस्थावान व्यक्तित्वों में होती है| रचना, आलोचना, अनुवाद, अनुसन्धान, सम्पादन आदि उनके कृतित्त्व के कई पहलू हैं| कविता, ग़ज़ल, कहानी, निबन्ध जैसी विधाओं में रचनात्मक लेखन के अतिरिक्त उर्दू व पंजाबी से हिन्दी अनुवाद, सम्पादन और आलोचनाकर्म में तल्लीन रहते हुए उन्होंने लगभग 42 पुस्तकों के माध्यम से साहित्य-भण्डार में श्रीवृद्धि की है|

* टोकी जी द्वारा  "ओउम् जय जगदीश हरे"  आरती के रचयिता पण्डित श्रद्धाराम फिल्लौरी पर गम्भीर अनुसन्धानपरक कार्य किया है| लुधियाना शहर के सीमान्त पर बसे 'फिल्लौर' कस्बे में रहने वाले श्रद्धाराम फिल्लौरी की हिन्दी, संस्कृत, उर्दू और पंजाबी की अनुपलब्ध रचनाओं के अन्वेषण के पश्चात् किया गया यह कार्य निश्चित ही श्रमसाध्य एवं सर्वोत्कृष्ट कार्य है|

* उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा राजेन्द्र टोकी जी को वर्ष-2018 के लिए "सौहार्द सम्मान" दिए जाने से ईमानदार लेखन की प्रति आस्था और उत्साह जगा है| निश्चित ही पुरस्कार की गरिमा भी बढ़ी है| इसके लिए 'उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ' की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा इलाका के साहित्यिक हलकों में की जा रही है