Wednesday, August 18, 2021

सावन में पार्थिव शिवलिंग पूजा की परंपरा, इससे बढ़ती है उम्र और समृद्धि

 


प्राचीन शिव मंदिर गुग्गा माड़ी  में शिवपुराण की कथा में पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंग पूजा का महत्व बताते हुए कहा गया है कि कलयुग में पार्थिव शिवलिंग का पूजन कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने प्रारम्भ किया था. सावन मास में पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने से भक्त को धन, धान्य और आरोग्य के साथ-साथ पुत्र रत्न की भी प्राप्ति होती है. इसके अलावा भक्तों को सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.

पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब की पवित्र मिट्टी लायें. उसके बाद उसका पुष्प और चंदन आदि से शोधन करें. मिट्टी में दूध मिलाकर शोधन करें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके शिवलिंग बनाएं. अब निर्मित पार्थिव शिवलिंग में गणेश जी, ब्रह्मा, विष्णु और शिव भगवान के साथ नवग्रह और माता पार्वती आदि देवी देवताओं का आवाहन करें. अब विधिवत षोडशोपचार पूजन करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग के पूजन से समस्त मनोकामनायें पूर्ण होती हैं. कहा जाता है कि सपरिवार पार्थिव शिवलिंग बनाकर शास्त्र सम्मत विधि विधान से पूजन करने पर पूरा परिवार सुखी रहता है. माना जाता है कि रोग से पीड़ित व्यक्ति पार्थिव शिवलिंग के समक्ष महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से वह रोग मुक्त हो जाता है. इस अवसर पर पुष्पा बक्शी, नीना शाही, कृष्णा सैनी स्नेह रानी रेखा शर्मा सुनीता जिंदल, राज विनायक ,प्रवीण शर्मा ओम शर्मा, गीता जिंदल, रमा बक्शी ,रीटा लटावा, दर्शना गोयल ,मधु गुप्ता ,लता शर्मा कैलाश थौर शारदा शर्मा, निर्मल शर्मा